विदेशों से प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक/प्रिंसिपल राज्य में शिक्षा क्रांति के दूत बने: मुख्यमंत्री

Teachers/Principals Trained abroad have become Ambassadors
* फिनलैंड में प्रशिक्षण के लिए 72 शिक्षकों के बैच को हरी झंडी दी
* कहा, आम आदमी पार्टी के प्रयासों के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली जैसे मुद्दे भारतीय राजनीति में केंद्रीय ध्रुव बने
चंडीगढ़, 15 मार्च: Teachers/Principals Trained abroad have become Ambassadors: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि विदेशों में प्रशिक्षण प्राप्त प्रिंसिपल और शिक्षक शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाकर आम आदमी को लाभ पहुंचाने के लिए राज्य में शिक्षा क्रांति के दूत के रूप में काम कर रहे हैं।
यहां अपनी सरकारी आवास पर 72 शिक्षकों के बैच को फिनलैंड में प्रशिक्षण के लिए भेजने हेतु हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए शिक्षकों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 'आप' और इसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के संयुक्त प्रयासों के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली अन्य पार्टियों के राजनीतिक एजेंडों में केंद्रीय ध्रुव बन गए हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले किसी भी राजनीतिक पार्टी ने आम आदमी के लिए सबसे महत्वपूर्ण इन मुख्य क्षेत्रों के बारे में कभी चिंता नहीं की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि पंजाब ने अब तक 234 प्रिंसिपल/शिक्षा अधिकारियों को पांच दिनों के नेतृत्व विकास कार्यक्रम के लिए सिंगापुर और 72 प्राथमिक स्तर के शिक्षकों को फिनलैंड के तुर्कू में भेजा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा 152 हेडमास्टर/शिक्षा अधिकारियों के तीन बैच आईआईएम अहमदाबाद भी भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान ये शिक्षक विदेशों में प्रचलित आधुनिक शिक्षा अभ्यासों से लैस होकर आते हैं और वापसी पर ये शिक्षक विद्यार्थियों और अपने साथी शिक्षकों के साथ इन अभ्यासों को साझा करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि विद्यार्थी विदेशों में मिल रही शिक्षा के पैटर्न से परिचित होते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक पहल है, जो विद्यार्थियों की भलाई के लिए राज्य की समग्र शिक्षा प्रणाली को सशक्त कर रही है, जिससे ये शिक्षक वास्तव में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित कर वर्तमान समय में शिक्षा क्षेत्र में बदलाव के दूत के रूप में काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अनूठा प्रयास राज्य में शिक्षा क्रांति को बड़ा प्रोत्साहन दे रहा है, जिससे राज्य की शिक्षा प्रणाली में बहुत आवश्यक और वांछित गुणात्मक परिवर्तन देखने को मिला है और इससे विद्यार्थियों को बहुत लाभ पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों का चयन केवल योग्यता के आधार पर और पारदर्शी तरीके से किया जाता है ताकि केवल योग्य शिक्षकों को ही विदेश जाने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि केवल उन शिक्षकों को ही विदेशों में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चुना जाता है, जिनकी सिफारिश उनके द्वारा पढ़ाए गए कम से कम 10 विद्यार्थियों द्वारा की गई हो।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस और अन्य नेता व अधिकारी भी मौजूद थे।